‘R13 – Hemorrhoidal drops’ मुख्य रूप से बवासीर और उससे संबंधित समस्याओं के लिए प्रयोग किया जाता है। यह होम्योपैथिक दवा Dr. Reckeweg कंपनी का उत्पाद है। बहुत से लोग बवासीर से पीड़ित हैं और इस बीमारी का उचित तरीके से इलाज किया जाना चाहिए। इन रोगियों के लिए R13 एक अच्छा विकल्प हो सकता है और यहां हम R13 के उपयोगों पर चर्चा करेंगे।
R13 homeopathic medicine uses in hindi
लक्षण (Symptoms)
बवासीर, खुजली, पीड़ा, रक्तस्राव, मलद्वार में फटन, मलद्वार की स्थानच्युति, मलद्वार सम्बन्धी एक्ज़िमा, अति रक्त प्रवाह।
मूल-तत्व और उनकी क्रिया क्रिया (Ingredients of R13 and their mode of action)
ऐसक्युलस D2, कौलिनसोनिया कैन D4, ग्रेफाइट्स D8, हैमामेलिस D3, केलियम कार्बन D6, लाइकोपोडियम D5, पीयोनिया ऑफ D3, सल्फर D5, एसिड नाइट्रिक D6, नक्स वोम D4
ऐसक्युलस हिप : गुदा से बाहर की ओर लटकते हुए बबासीरी मस्सों (गहरे लाल रंग के झूलते अर्श) की श्लैष्मिक झिल्ली का सूखापन तथा जलन। त्रिकास्थि (Sacral) भाग में हल्का-हल्का दर्द, शिरा सम्बन्धी स्थिरता।
कॉलिन्सोनिया कैन: गोणिका (Pelvis) में शिरा सम्बन्धी संकुलन, कब्जियत, पेट फूलना, खूनी बवासीर।
ग्रेफाइट्स: कब्जियत, चिपचिपा पिंड जैसा मल, पेट फूलना, मलद्वार सम्बन्धी एक्ज़िमा, खुजली।
हेमामेलिस: शिराओं का फूलना, बवासीर में से रक्तस्त्राव।
कालियम कार्ब: पीठ दर्द, पेट फूलना। कठोर मल, मलद्वारके मस्सों में जलन।
लाइकोपोडियम: अफारा, पेट फूलना, सुखे मल के साथ, अपूर्ण मलत्याग। रक्त जनित बवासीर साथ में गुदाभ्रंश तथा मलद्वार में ऐंठन। सामान्य रोगभ्रम (Hypochondria) तथा मंदाग्नि (dyspepsia), कब्ज़, पेट में रक्त का अधिक प्रवाह।
पीयोनिया: गीली बवासीर, पीड़ा-प्रद मलद्वार की फटन। बवासीर में खुजली और पीड़ा, साथ में रक्त स्राव की प्रव त्ति। गुदाद्वार की फटन (fissures)। मल त्याग के बाद बना रहने वाला दर्द।
सल्फर: बहुप्रयुक्त एवं प्रभावशाली औषधि, मलद्वार में लाली, खुजली, एक्ज़िमा, अस्वस्थ त्वचा।
एसिडम नाइट्रिकम : आँतों में घोंपने का अहसास, काँटा चुभने जैसा दर्द, मलत्याग के दौरान संकुचन की अनुभूति साथ में मलत्याग के बाद बनी रहने वाली पीड़ा।
खुराक की मात्रा (Dosage of R13)
प्रतिदिन 3 बार थोडे पानी में 10-15 बूँद । तीक्ष्ण पीड़ा होने पर, उपचार के प्रारंभ में, दिन में 4-6 बार 10-15 बूँदें। रोग के पूरी तरह समाप्त हो जाने पर, कुछ लंबे समय तक प्रतिदिन एक या दो बार 10-15 बूँदें देते हुए उपचार जारी रखें। कब्ज़ होने पर, साथ ही साथ मलत्याग को नियमित करना बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। अतएव, नाश्ते और रात के खाने में रेचक आहार (fiberous food) लेने चाहिए, जैसे पके फल, अलसी, हरी मटर, rye ब्रेड, खमीर, दही आदि। मैदे की डबलरोटी, चॉकलेट, स्टार्च जैसे कब्ज़ करने वाले भोज्य पदार्थ न लें।
Dr Reckeweg R13 के साइड इफेक्ट (R13 homeopathic medicine side effects)
R13 का कोई दुष्प्रभाव ज्ञात नहीं है।
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