R41 : शीघ्र स्खलन की होम्योपैथिक दवा

R41 होम्योपैथिक दवा के फायदे, मूल तत्व, लक्षण, क्रियाविधि, दवाई लेने का तरीका

R41 की मूल तत्व (Ingredients of R41)

एसिड फॉस D12, एग्नस कास्ट D8, चायना D12, कोनियम D30, डामियाना D6, फॉसफोरस D6, सीपिया D30, टेस्टीज D12.

R41 के उपयोग के लिए लक्षण (Indications)

यौन (Sex) सम्बन्धी दुर्बलता, वीर्यस्खलन, सर्वांगीण कमजोरी विशेषकर पुरुषों में। कमज़ोर कर देने वाली बीमारियों, शारीरिक या अन्य स्तर पर अत्यधिक कार्य, अत्यधिक उत्तेजना, तंत्रिका सम्बन्धी थकान के परिणाम। व द्धावस्था में होने वाले विभिन्न प्रकार के रोगों की रोकथाम करने वाली औषधि।

क्रियाविधि

विभिन्न कारणों से ऊतक पुराने हो जाते हैं। अन्नसारिक (albuminous) परमाणुओं में छल्ले बनते दिखाई देते है, जिसके द्वारा पानी का विरलीकरण (rarification) हो जाता है तथा फलस्वरूप त्वचा खुश्क हो जाती है। जब ये अन्नसारिक अणु अपनी कार्य क्षमता खो देते हैं तो ये कोशिकाओं के प्रति अपनी निर्विषीकरण की भूमिका लम्बे समय तक नहीं निभा सकते। फलस्वरूप हानिकारक ऊतकों का संचय हो जाता है। होम्योपैथिक चिकित्सा ही एक ऐसा साधन है जो विषहीन कोशिका यंत्र को उद्दीप्त करती है। तथा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना संभव हो जाता है। R41 की संरचना इस प्रकार से की गई है, कि यह विभिन्न प्रणालियों विशेषकर यौन ग्रंथियों को प्रभावित कर सके। इसे सार्वभौमिक रूप से स्वीकार किया गया है कि उत्पादक ग्रंथियों की प्रक्रिया व्यक्ति की संपूर्ण जीवन धारा को प्रभावित करती है।

निम्नलिखित लक्षणों के अनुसार अन्य संकेत

एसिड फॉस्फ: नपुंसकता, कामोत्तेजना की कमी को दूर करने वाली एक बलवर्धक औषधि।

एग्नस कॉस्टस: नपुंसकता एवं कामोत्तेजना की कमी में विशेषरूप से प्रभावी उच्च प्रभावशीलता के साथ यौन सम्बन्धी जीवन पर विशिष्ट क्रिया ।

चायना: अत्यधिक संभोग किये जाने के फलस्वरूप शारीरिक द्रव्यों की कमी हो जाने की अवस्था में तथा कमजोरी लाने वाले रोगों के बाद लैंगिक गड़बड़ियां होने की स्थिति में विशेष रूप से प्रभावी सिद्ध होती है।

कोनियम : क्रोध युक्त चिड़चिड़ापन, एकाग्रता का अभाव रोगभ्रम, विशेषकर लैंगिक आधार पर तथा बुढ़ापे की कमज़ोरी में।

डामियाना : प्रजनन सम्बन्धी अंगों को शक्ति देता है।

सीपिया : समस्त कोशिका सम्बन्धी क्रियाओं की दुर्बलत थकान, अरुचि, संभोग की अनिच्छा की स्थितियों में कार्य करती है।

टेस्टीज़ : आंगिक-चिकित्सा पद्धति में प्रतिस्थापक ( Substi tute) और उत्तेजक की भाँति कार्य करती है।

दवाई लेने का तरीका (Dosage of R41)

प्रतिदिन 2-3 बार भोजन के पूर्व थोड़े पानी में 15 बूँदें। पुराने रोग में तथा शीघ्र परिणाम पाने के लिए, 2-3 दिनों तक 10-15 बूँदें प्रत्येक 1-2 घंटे पर ले सकते हैं।

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